Hanumant Aashram Foundation
Blogs
॥दोहा॥श्री रामचन्द्र कृपालु भजुमनहरण भवभय दारुणं ।नव कंज लोचन कंज मुखकर कंज पद कंजारुणं ॥१॥ कन्दर्प अगणित अमित छविनव नील नीरद…….
दोहा श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।। बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं…….